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Absolutely, but last time we talked about the slope of the plot and the slope is a very important factor. And integral part of plot selection in Vastu. If our slope, the slope of the plot, if it comes in the right direction, then it insures all things for us, wealth, health, prosperity. And this is if the voice word becomes ROM
direction, then our money starts outflowing. We start having health problems. We do not understand why we are getting so much stress and depressive tendency. So the slope of our plot, whatever it is on top of all these things, it has a lot of impact and it is very important to have the right slope. If your plot has a down covered slope, if it is towards North East then it is considered very good. It is further said in Vastu Shastra that such plots bring wealth, good rapid repetition and from the same side our water drains on the same side where our slope is. So in Vastu it is said that there is an exit of water.
The drainage of water should be from North and East. So that's why our slope should also be towards north and east. South West should be kept higher, so naturally our slope should not come in that direction, if slope comes in that direction. And to lose wealth it to health issues, a also disturb, mental
peace. So
If this slope reversal happens, then due to this our Vaastu gets mistaken in the initial phase itself. Now, for example, the slope of the East brings success, name and fame. Same if we turn towards west, then it brings failure, dis, honesty all this. If there is a slope of North West, then it can bring anime. Accident can lead to theft, so level the plot at the construction stage and insure it. That Yogesh the slope right direction for best result. Architectural.
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बिल्कुल लेकिन पिछली बार जो है वो हमने प्लॉट के स्लोप की बात करी थी और स्लोप जो है वो बहुत ही सिग्निफिकेंट फैक्टर है। एंड इंटीग्रल पार्ट ऑफ प्लॉट सेलेक्शन इन वास्तु। अगर हमारी स्लोप जो है, प्लॉट का जो ढलान है, अगर वह राइट डायरेक्शन में आती है तो यह हमारे लिए वेल्थ, हेल्थ, प्रोस्पेरिटी सभी चीजों को इंश्योर करती है। और यही अगर वाइस वर्ड अंदर रॉम डायरेक्शन हो जाए तो हमारे पैसे का आउटफ्लो होने लगता है। हम को हेल्थ प्रॉब्लम आने लगती है। हमको समझ ही नहीं आता कि हमें इतना स्ट्रेस और डिप्रेसिव टेंडेंसी क्यों हो रही है। तो जो हमारी स्लोप है प्लॉट की वह इन सब चीजों के ऊपर जो है वह बहुत असर डालती है और सही जो है, स्लोप होना बहुत इंपॉर्टेंट है। अगर आपकी जो हम प्लॉट की डाउन कवर्ड स्लोप है, अगर वह नॉर्थ ईस्ट की तरफ होती है तो उसको बहुत अच्छा माना जाता है। वास्तुशास्त्र में और कहा जाता है कि ऐसे जो प्लॉट होते हैं वह वेल्थ लेकर आते हैं, गुड रैपिड रिपीटेशन लेकर आते हैं और उसी तरफ से फिर जिस तरफ हमारी स्लोप है उसी तरफ हमारा पानी का निकास भी होता है। तो वास्तु में कहा जाता है कि पानी का निकास है। वॉटर का जो ड्रेनेज है, वह नॉर्थ और ईस्ट से होना चाहिए। तो इसलिए हमारी जो स्लोप है, वह भी नॉर्थ और ईस्ट की तरफ ही होनी चाहिए। साउथ वेस्ट को हाईयर रखना चाहिए तो नैचुरली उस तरफ हमारी स्लोप नहीं आनी चाहिए, अगर उस तरफ स्लोप आती है। एंड टू लॉस वेल्थ इट टू हेल्थ इश्यूज, एक ऑल्सो डिस्टर्ब, मेंटल पीस। तो
यह स्लोप रिवर्सल अगर हो जाए तो इससे हमारे जो वास्तु है, उसमें शुरुआती दौर पर ही गलती हो जाती है। अब जैसे ईस्ट का जो स्लोप होता है, वह सक्सेस नेम फेम लेकर आता है। वही अगर हम वेस्ट की तरफ कर देते हैं, तो वह फेलियर, डिस, ऑनेस्टी यह सब लेकर आता है। नॉर्थ वेस्ट का स्लोप होता है तो एनिमी ला सकता है। एक्सीडेंट थेफ्ट लेकर आ सकता है तो प्लॉट को कंस्ट्रक्शन स्टेज पर उसकी लेवलिंग करें और इंश्योर करें। दैट योगेश द स्लोप राइट डायरेक्शन फॉर बेस्ट रिजल्ट। वास्तु।