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But the rules of Vastu Shastra become applicable for any plot and for any builtup space on it. As much as Vastu Shastra is necessary for the house, equally it is for work place, factories, industry, business houses. The rules of Vastu Shastra are equally important. Vastu someone. What is there is as much applicable to the factory at the working place as it is to any residence. Now what is there in the house that we want to achieve some different result through Vastu. Like we want health in our home, wealth, harmony in relationships, peace, overall well being and we use Vastu to achieve all these things. Now what happens in the office is that whatever is there in the office is Vastu applicable and the office is our work area. We spend our 8 to 10 hours a day in our office and what is our expectation? Good productivity output in the office, good business growth, good financial health, then here also we can achieve all these things by following the rules of Vastu. So I would say that the rules of Vastu are as applicable in any walk place and factory as they are at home.
But there is a slight change in the rules. Fundamental principles, directional balance, balance of Panchmahabhoots are all the same. But because in officer factories, in business houses the elements are different and
Desire result is different, so there is a slight twist in the rules of Vastu. But I can say that whether it is a house or a factory, it is necessary that we give fire in place of fire, water in place of water. In place of earth, let us stand for earth element. If we do this then there is a free flow of positive energy in our love and all the elements remain well balanced.
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लेकिन वास्तु शास्त्र के जो रूल्स है वो किसी भी प्लॉट के लिए और उसके ऊपर कोई भी बिल्टअप स्पेस है उसके लिए वह एप्लीकेबल हो जाते हैं। जितना घर के लिए वास्तु शास्त्र जरूरी है, उतना ही वर्क प्लेस, फैक्ट्रीज, इंडस्ट्री, बिजनेस हाउसेज के लिए भी। वास्तु शास्त्र के जो नियम हैं वो उतने ही जरूरी हैं। वास्तु किसी। जो है वह वर्किंग प्लेस पर फैक्ट्री पर उतना ही एप्लीकेबल है जितना वह किसी रेजिडेंस पर होता है। अब घर में क्या है कि वास्तु के द्वारा हम कुछ डिफरेंट रिजल्ट अचीव करना चाहते हैं। जैसे हम चाहते हैं कि हमारे घर में हेल्थ रहे, वेल्थ रहे, रिलेशनशिप्स में हार्मनी रहे, पीस रहे, एक ओवरऑल वेल भी रहे और हम वास्तु को इन्हीं सब चीजों को यूज करने अचीव करने के लिए हम यूज करते हैं। अब ऑफिस में क्या होता है कि ऑफिस में भी जो है वह वास्तु एप्लीकेबल है और ऑफिस हमारा कर्म क्षेत्र है। हम दिन में अपने 8 से 10 घंटे जो हैं वह अपने ऑफिस में बिताते हैं और हमारा क्या एक्सपेक्टेशन होता है? ऑफिस में गुड प्रोडक्टिविटी आउटपुट अच्छी हो, बिजनेस ग्रोथ अच्छी हो, फाइनैंस से हमारे अच्छे रहें तो यहां पर भी हम वास्तु के रूल्स को फॉलो करके इन सभी चीजों को अचीव कर सकते हैं। तो मैं यही कहूंगी कि वास्तु के रूल्स किसी वॉक प्लेस और फैक्ट्री में भी उतने ही एप्लीकेबल हैं, जितने वह घर पर हैं। लेकिन रूल्स में थोड़ा सा चेंज हो जाता है। फंडामेंटल प्रिंसिपल्स, डायरेक्शनल बैलेंस, पंचमहाभूतों का बैलेंस ये सब सेम है। लेकिन क्योंकि ऑफिसर फैक्ट्रीज में, बिजनेस हाउसेज में एलिमेंट्स अलग होते हैं और
डिजायर रिजल्ट अलग होता है, इसलिए वास्तु के रूल्स में थोड़ा सा ट्विस्ट आ जाता है। बट यह कह सकती हूं में कि चाहे घर हो या फैक्ट्री, यह ज़रूरी है कि हम अग्नि के स्थान पर अग्नि दें, जल के स्थान पर जल दें। पृथ्वी के स्थान पर हम अर्थ एलिमेंट को स्टैंडिंग करें। अगर हम ऐसा करते हैं तो हमारे प्रेम में पॉजिटिव एनर्जी का फ्री फ्लो रहता है और सारे जो एलिमेंट्स है वो वेल बैलेंस रहते हैं।