Eleifend ligula sociosqu. Molestie praesent?

Brand new. Now let's talk about shape. As you asked, I tell you that every plot has deities who are called Vastu Purush or Vastu Devta and their entire body is above the plot in these words i.e. the inverted body of that plot. lies on top of His face is towards North East and his feet are towards South West. So if there is any problem in the shape of our plot, then that corresponding body part of Vastu Purush gets cut off. Now suppose that your body, if someone has a body, does not have hands or fingers or feet, then how difficult it is for them to perform any function. So in the same way if any shape is not correct in the plot and any body part is cut off. Because extension and reduction, whatever they are, can bring side effects in our life. So the plots that are there are regular plots. Regular shaped, with degree angles and can be empty fingered square plots. Apart from this, you must have heard that there are Gaumukhi plots which are narrow from the front and wide from the back.

 Sher mukhi plots are broad from the front and narrow from the back. In the shape of and lion face. Then anything can happen in this regular plot. Can also be circular. can also be triangular

 Are. There can be semi circular oval shape and their corners are not perfect or they can have more four sides. Plots of this type are not much preferred in Vastu. So the shape of any plot is very important. Because if there is a problem in the shape of the plot, then an imbalance of energy is created and then if anything is made in it, then the perfection of Vastu does not come in it.

Felis nam consectetur?

बिल्कुल नए की। अब हम बात करते हैं शेप के बारे में। जैसा कि आपने पूछा, मैं आपको बताती हूं कि हरेक प्लॉट के देवता होते हैं जिनको कि वास्तु पुरुष कहा जाता है या वास्तु देवता कहा जाता है और उनकी जो पूरी बॉडी होती है वह प्लॉट के ऊपर इन वर्ड्स यानी की इनवर्टेड बॉडी जो है वह प्लॉट के ऊपर लेटी होती है। उनका जो मुंह है वह नॉर्थ ईस्ट की तरफ जाता है और जो पैर है वह साउथ वेस्ट की तरफ जाते हैं। तो अगर हमारे प्लॉट के शेप में कोई भी प्रॉब्लम होती है, तो वास्तु पुरुष का वह कॉरिस्पॉन्डेंस बॉडी पार्ट कट जाता है। अब मान लीजिए आप की जो बॉडी है, अगर किसी की बॉडी है, उसमें हाथ नहीं है या कोई उंगली नहीं है या पैर नहीं है तो उनके लिए फंक्शन करना जो है, वह कितना मुश्किल होता है। तो वैसे ही अगर प्लॉट में भी कोई शेप ठीक नहीं हो और कोई बॉडी पार्ट कट जाए। बिकॉज़ एक्सटेंशन और रिडक्शन तो वह भी जो है, हमारे जीवन में दुष्प्रभाव लेकर आ सकता है। तो प्लॉट जो होते हैं, वह रेग्युलर प्लॉट होते हैं। रेग्युलर शेप के, जिसमें डिग्री के एंगल होते हैं और यह रिक्त अंगुलिया स्क्वेयर प्लॉट हो सकते हैं। उसके अलावा आपने सुना होगा गौमुखी प्लॉट होते हैं जो कि आगे से नैरो होते हैं और पीछे से चौड़े होते हैं। शेर मुखी प्लॉट होते हैं जो आगे से चौड़े होते हैं, पीछे से नैरो होते हैं। इन द शेप ऑफ और लायन फेस। फिर इस रेग्युलर प्लॉट में कुछ भी हो सकते हैं। सर्कुलर भी हो सकते हैं। ट्राएंगुलर भी हो सकते

हैं। सेमी सर्कुलर ओवल शेप हो सकते हैं और इनके जो है कॉर्नर्स परफेक्ट नहीं होते या इनके मोर फोर साइड्स भी हो सकते हैं। इस टाइप के जो प्लॉट होते हैं उनको वास्तु में बहुत ज्यादा प्रिफर नहीं किया जाता। तो किसी भी प्लॉट की जो शेप है वह बहुत इंपॉर्टेंट है। क्योंकि अगर प्लॉट की शेप में प्रॉब्लम आ जाती है तो एनर्जी का डिसबैलेंस क्रिएट हो जाता है और फिर उसमें अगर कुछ भी चीज बनाते हैं, तो उसमें वास्तु की परफेक्शन नहीं आ पाती।