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Hi Lekar thank you so much. Once again four having on the show and with all the listeners once again I am very excited to talk about Vastu, give Vastu tips. And as you said, today we will talk about North East direction first. North East action is a very important direction in Vastu Shastra and North East is considered to be the most special, auspicious direction. The head of the Vastu Purush comes in this direction, that is, the head comes, so we cannot give any Vastu defect here. At any cost it is also said that the North East is also the Lord of the Board. Somdev's place of Lord Shiva is also North East. Here the energies of North and East meet and Jupiter i.e. Guru is the ruling lord of this direction. This direction is also called Ishan angle in Vastu Shastra. And this overall peace prosperity spiritual growth is the direction of well being. Its ruling element is also water. Because of this, the colors that can be given here are related shades of waters. 

Like blue, hues, blue, shade blue. It is also said that what is there in the North East, we should give a lot of open space. There should not be any clutter here. Whatever is here, there should not be any kind of extra stuff. Don't make North East heavy. If we do not block, then we have to pay attention to all this in the direction of North East. This is a very charged direction

It happens that's why this is the perfect place to have Govinda Mandir and Pooja Room. All the sources of energy come from the North East only. That's why you can keep all the windows and doors open here.

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हाय लेकर थैंक यू सो मच। वंस अगेन फोर हैविंग ऑन द शो एंड सभी लिसनर्स के साथ एक बार फिर मैं वास्तु की बातें करने के लिए, वास्तु के टिप्स देने के लिए बहुत ही एक्साइटेड हूं। और जैसा कि आपने कहा आज हम बात करेंगे सबसे पहले नॉर्थ ईस्ट डायरेक्शन की। नॉर्थ ईस्ट एक्शन वास्तुशास्त्र में बहुत ही इंपॉर्टेंट डायरेक्शन होती है और सबसे स्पेशियस यानि की शुभ दिशा भी नॉर्थ ईस्ट को ही माना जाता है। इस दिशा में वास्तु पुरुष का हेड आता है यानि कि सर आता है इसलिए हम यहां पर कोई भी वास्तु दोष नहीं दे सकते। किसी भी कॉस्ट पर यह भी कहा जाता है कि नॉर्थ ईस्ट भी बोर्ड ऑफ लॉर्ड। भगवान शिव का सोमदेव का जो स्थान है वह भी नॉर्थ ईस्ट है। यहां पर नॉर्थ और ईस्ट के एनर्जी आकर मिलती हैं और जुपिटर यानी कि गुरु इस दिशा का रूलिंग लॉर्ड है। इस दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है वास्तु शास्त्र में। और यह ओवरऑल पीस प्रोस्पेरिटी स्पिरिचुअल ग्रोथ वेल बीइंग की डायरेक्शन है। इसका भी जो रूलिंग एलिमेंट है, वह वॉटर है। इसकी वजह से जो कलर्स यहां पर दिए जा सकते हैं, वह वॉटर्स के रिलेटेड शेड होते हैं। जैसे ब्लू, ह्यूज, ब्लू, शेड ब्लू। ऐसा भी कहा जाता है कि नॉर्थ ईस्ट में जो है हमें बहुत ज्यादा ओपन स्पेस देनी चाहिए। यहां पर कोई क्लटर नहीं होना चाहिए। यहां पर जो है किसी तरह का एक्स्ट्रा सामान नहीं होना चाहिए। नॉर्थ ईस्ट को हेवी ना करें। ब्लॉक ना करें तो यह सब हमें नॉर्थ ईस्ट की दिशा में ध्यान देना होता है। ये एक बहुत ही चार्ज्ड 

डायरेक्शन होती है इसलिए दिस इज द परफेक्ट प्लेस पर गोविंदा मंदिर और पूजा रूम। सारे सोर्स एनर्जी जो हैं वह नॉर्थ ईस्ट की तरफ से ही आती हैं। इसलिए यहां के सारे खिड़की दरवाजे भी आप खुले रख सकते हैं।